चौथाई चाँद - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo 3 стр.


रात का खाना समय से पहले ही परोस दिया गया, ताकि उन्हें उत्सव के लिए तैयार होने के लिए ढेर सारा समय मिल जाए। उनके पास उत्सव में जाने के लिए अभी घंटों बाक़ी थे, लेकिन इस अवसर के लिए इडा ने सच्ची दावत का इंतजाम किया था और उन सभी को एक दूसरे को वे सारे पकवान पहुंचाने के लिए समय चाहिए था।

इसके बाद वे जाने के लिए तैयार हो गए।

घर के सभी मर्दों को अपेक्षा से अधिक समय तक इंतज़ार करना पड़ा। इडा और गाइया दोनों बहुत समय ले रही थीं। एलियो मूड में नहीं था। साथ ही वह सोच रहा था कि जो पहनावा पूरे दिन उसने दिखाया था, वह कुछ ज़्यादा ही था। एर्कोल ने जींस पहनी थी और बालों में बहुत सा जेल लगाया था।

लड़कों में लिबेरो को सबसे ज़्यादा समय लगा। वह तब तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया, जब तक वह पूरी तरह तैयार नहीं हो गया। वह अपनी कैप्री पैंट और राग-बिरंगी कमीज़ में जीवन से भरपूर लग रहा था, जो सब पर कुछ ज़्यादा ही लगती, लेकिन उस पर जंच रही थी।

उसकी आँखें चमक रही थीं। यह एक ऐसा उत्सव था, जिसका वह सबसे ज़्यादा मज़ा उठाता था।

जैसे ही सब तैयार हो गए, एलियो ने उस यातना से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे उसकी आंटी के उत्साह ने पकड़ लिया, जो पहचान में ही नहीं आ रही थी। उसने एक काली फूलों वाली ड्रेस और ऊंची एड़ी के जूते पहने थे और उसके बाल उसके कंधों पर लहरा रहे थे। इसके अलावा उसने अपने चेहरे पर मेकअप किया था। उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे बाहर तक ले आई।


रास्ते भर वे रौशनियों की, छोटी छोटी झंडियों की और सजावट की तारीफ करते रहे, जो उस साल के उत्सव के आयोजकों द्वारा की गई थी।

सड़क के किनारे सभी आकृतियों में घास के गट्ठर कस्बे को सजा रहे थे।

शहर के केंद्र में युद्ध स्मारक पैरे से बने हुए विशाल पहियों से घिरा हुआ था।

मुख्य चौक पर मंच बनाया गया था, जहां मार्चिंग बैंड का प्रदर्शन होना था।

डांस फ्लोर के चारों ओर सारी कुर्सियों पर बुज़ुर्गों ने कब्जा कर रखा था, जो बातें कर रहे थे और जवान लोगों के नृत्य की तारीफ करने का इंतज़ार कर रहे थे। छोटे बच्चे पहले ही बड़ों की नक़ल करते हुए डांस फ्लोर पर दौड़ लगा रहे थे, जो नृत्य के दौरान उनको नज़र अंदाज़ कर देने वाले थे।

उस रात शहर में हर कोई गाइया और एलियो के आने की बात कर रहा था। बुजुर्ग और बड़े लोग पुराने समय को याद कर रहे थे जब दोनों भाई-बहन शहर आया करते थे।

लोगों के विभिन्न दृष्टिकोण थे: कुछ लोग उन्हें दो गुस्सैलों की तरह याद कर रहे थे, कुछ अन्य अच्छे बच्चों की तरह। दूसरी तरफ उनके पुराने दोस्त पुराने समय को याद कर रहे थे, जब वे स्कूल गोल करके खेतों में गायब हो जाते थे।

कोई कहता कि एलियो अपने पिता के जैसा दिखता है, दूसरा कहता, नहीं गाइया दिखती है। कुछ अन्य इस रहस्य को यह कह कर सुलझाते कि वे अपने दादा-दादी के जैसे दिखते हैं।

इस बीच मार्चिंग बैंड रिहर्सल कर रहा था। हर चीज़ करीब-करीब तैयार थी। मेजबान, या सही सही कहा जाए तो वह व्यक्ति जो हर साल मंच से बोलने के लिए जिम्मेदार था, को स्थानीय अधिकारियों द्वारा मंच पर बुलाया गया।

उसने प्रायोजकों का धन्यवाद करते हुए अपना भाषण समाप्त किया, जबकि सभी शहरवासी पूरी तरह से इस बात से उदासीन थे कि वह क्या कह रहा है और वे जम्हाई ले रहे थे। इसके कुछ ही देर बाद वे इस आशा में तालियों की बरसात करने लगे कि मेजबान ने अपना भाषण समाप्त कर दिया है और अब वह मंच से दफा हो जाएगा और बैंड के लिए जगह खाली करेगा।

जब यह घोषणा हुई कि मेजबान मंच से उतर रहा है, तो और भी भारी शोर-गुल हुआ और खूब तालियाँ बजीं। ऑर्केस्ट्रा का संचालक मंच पर कूद के आया और उसने चारों ओर छड़ी घुमानी शुरू कर दी। ऐन उसी क्षण ट्रोम्बोन की थाप पड़ने लगी, जिसमें बाद में ड्रम की लय मिल गई, फिर सेक्सोफोन बजने लगा, और फिर क्लैरिनेट बजने लगा।

लिबेरो नृत्य के फर्श पर आने वाला पहला व्यक्ति था, साथ में उसकी पसंदीदा साथी थी, जिसके साथ वह हमेशा नृत्य की शुरुआत करता था। अचंभे की बात थी, लिबेरो बेहतरीन नर्तक था और सारी स्थानीय औरतें कम से कम एक बार उसके साथ नृत्य करने का मज़ा लेना चाहती थीं। वह जवान लड़कियों और अधिक उम्र की औरतों, दोनों पर ध्यान देता। उसे नृत्य करना पसंद था और वह अपना निष्काम जुनून अपने साझीदार में भी भरने में सक्षम था।

नृत्य का मंच नृत्य करते हुए लोगों से भर गया था। गाइया को नृत्य करने के लिए कई आमंत्रण मिल रहे थे, और वह भी पीछे नहीं हट रही थी।

एक पल के लिए एलियो को एक अजीब सा अनुभव हुआ। बिना उसको महसूस हुए, उसके पाँव थिरकने लगे।

जैसे ही नृत्य की गति में तेज़ी आने लगी उसकी आंटी ने उसे लहराते हुए हाथ से पकड़ लिया और उसे नृत्य करने और घूमने के लिए प्रेरित किया।

उसने अनपेक्षित रूप से इस निर्णय का विरोध नहीं किया। एक पल के लिए उसने लय को अपने शरीर से निकलते महसूस किया। उसे इतना मज़ा आ रहा था कि अपने चेहरे की मांसपेशियों में एक अजीब से खिंचाव के कारण दर्द महसूस होने लगा था, जो उसने सालों से महसूस नहीं किया था।

वह नृत्य करते हुए अपनी आंटी की बाहों से निकल कर कई दूसरी लड़कियों की बाहों में भी गया, जो कौतूहल और रुचि से उसकी ओर ताक रही थीं।

आखिरी लड़की के साथ नृत्य करना बंद करने के बाद एलियो अपनी सीट पर वापस आ गया। वह अपने खून को अपनी पैरों में प्रवाहित होता हुआ महसूस कर रहा था। अचानक उसे फिर से उस अजीब डरावनी घंटी के बजने की आवाज़ आने लगी, जिसने उसे मुख्य चौक से दूर जाने पर विवश कर दिया। वही संगीत, जिस पर वह कुछ देर पहले नृत्य कर रहा था, बहरा कर देने वाले शोर में बदल गया।

वह गिरिजाघर के साथ बने उद्यान की ओर चल पड़ा, जहां कुछ पुराने ट्रैक्टरों को प्रदर्शित किया गया था। कुछ बच्चों का समूह उन्हें देख रहा था, और उनके आस-पास दौड़ लगा रहा था।

एलियो एक अंधेरे कोने में बैठ गया और उन्हें देखने लगा।

वह सारी हंसी उसके दिमाग में गूंज रही थी और उसे एक पुरानी खुशी की याद दिला रही थी, जिसे बहुत समय पहले दफना दिया गया था।

उसे उस बच्चे से जलन महसूस हो रही थी, जो खुशी-खुशी अपने पिता की ओर दौड़ रहा था और उसका हाथ पकड़ रहा था। जब उसने यह देखा, तो उसकी एक पुरानी याद छलकने लगी: उसके पिता के हाथ की गर्माहट और खुशबू।

उसकी कनपटियों में एक तीव्र दर्द उठा। वह कुछ सोच नहीं पाया। उसने अपना सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया। वह ठंडा पड़ गया।

“एलियो, तुम यहाँ अकेले बैठे क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें कुछ तकलीफ है?”

इडा आंटी, जिसने रात भर उस पर से नज़रें नहीं हटाई थीं, उसके बगल में बैठ गई। एलियो ने जवाब नहीं दिया।


खेत की ओर लौटते हुए रास्ते में गाइया अपनी मज़ेदार रात और नए साथियों के बारे में बातें करने से खुद को रोक नहीं पा रही थी।

पहली बार उन्होंने दुछत्ती में रात गुज़ारी। उन्होंने बिस्तर ठीक रोशनदान के नीचे बिछाया था ताकि गाइया सितारों को देखते हुए सो सके, और उसने वही किया।

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